Tuesday, August 25, 2020

अकाबिर का पैग़ाम - 12


🎯  असहा़बे रसूल क़िब्ल-ए-अक़्वाम हैं!


✍️  हज़रत अ़ल्लामा डॉक्टर खालिद मह़मूद (र.ह)


_______अंबिया अलैयहिमुस्सलाम के बाद सहा़बा "र"ज़"अ" हैं, जो बतौर ए तब्क-ए-मह़मूद व मंसूर हैं। आम तबका़त इंसानी में अच्छे बुरे की तक़सीम है, उलमा तक में उलमा ए ह़क़ और उलमा ए सू की दो लाईने लगी हैं, लेकिन सहा़बा में ये तक़सीम नहीं। सहा़बा सारे के सारे अच्छे हैं अल्लाह तआ़ला ने उनके बातिन कि खबर दी है और फरमादिया की कल्मा ए तक़्वा उनमें उतार दिया गया और बेशक वो इसके अहल थे! 

والزمہم کلمة التقویٰ وکانوا احق بہا واہلہا․ (پ:۲۶، الفتح، ع:۳)


     ह़दीस शरीफ़ में कलिमतुत्तक़्वा की तफसीर ला इलाह इलल्लाह से कि गई है। सो ये बात हर शक और शुबह से बलातर है कि कलिमा इस्लाम उनके दिलों में उतारा गया था और उसके लिए उनके दिल की दुनिया बिला शुबह तय्यार इस्तवार थी कि इस में ये दौलत उतरे और उन्हीं का हक़ था कि ये दौलत पाजाएं। सो ये हज़रात हम अहाद उम्मत की तरह नहीं उनका दर्जा हमसे ऊपर और अंबिया अलैयहिमुस्सलाम से नीचे है इन्हे दरमियानी मकाम में समझो की ये हज़रात हम पर अल्लाह के दीन के गवाह बनाए गए हैं और अल्लाह का रसूल उन पर अल्लाह के दीन का गवाह है जिस तरह़ काबा कि़ब्ला नमाज़ है ये हज़रात किब्ला अक़वाम हैं!

وَكَذَلِكَ جَعَلْنَاكُمْ أُمَّةً وَسَطًا لِتَكُونُوا شُهَدَاءَ عَلَى النَّاسِ وَيَكُونَ الرَّسُولُ عَلَيْكُمْ شَهِيدًا.

(सुरह अल-बख़रा : 143)


[माखुज़ माहनामह दारुलउलूम, मई 2010]


🎁पेशकश : शुअबह तहफ्फुज-ए -इस्लाम मीडिया सर्विस, मर्कज़ तहफ्फुज-ए-इस्लाम हिंद

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