🎯 जंग-ए-आजादी का आगाज़ मुसलमानों ने किया था!
🎙️ जानशीन शैखुल इस्लाम हजरत मौलाना सैयद अरशद मदनी साहब
(सदर जमीयत उलमा-ए-हिंद)
_______लोग यह समझते हैं और यह मशहूर भी है कि जंगे आजादी की सबसे पहली लड़ाई 1857 ईस्वी में लड़ी गई, हालांकि यह ग़लत है। सबसे पहले जंगे आजादी 1754 ईस्वी में अली वर्दी खान ने, फिर दूसरी जंगे आजादी 1757 ईस्वी में नवाब सिराजुद्दौला ने लड़ी, फिर तीसरी जंगे आजादी 1782 में और चौथी 1792 ईस्वी में, पांचवी 1799 में फतह मोहम्मद अली खान सुल्तान टीपू शहीद (र.ह) ने लड़ी। फ़िर 1803 मैं शाह अब्दूल अज़ीज़ मोहद्दिस देहलवी (र.ह) ने आज़ादी की तहरीक चलाई और इसी तहरीक के साए तले छटी जंगे आजादी 1831 में उनके शागिर्द सैयद अहमद शहीद रायबरेली (र.ह) ने लड़ी। इसके बाद सातवीं जंग ए आज़ादी 1857 में लड़ी गई और आजादी की तहरीकात का ये सिलसिला जारी रहा, बिल आख़िर 1947 में ये मुल्क आजाद हुआ। जिसमें शुरू से आखिर तक मुसलमानों ने भी काईदाना किरदार अदा करने के साथ साथ बिरादराने वतन को भी इस जंग ए आज़ादी में अपने साथ शरीक रखा और इस तरह हिंदुस्तान आज़ाद हुआ_______
(इक्तबास अज़ बयान ब उंवान तहरीक-ए-आज़ादी)
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