🎯 फतह व शिकस्त के अस्बाब!
✍️ हजरत मौलाना सैयद मोहम्मद राबे हसन नदवी साहब
(सदर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड)
_______मुसलमानों के तारीख में तादाद की अहमियत कभी नहीं रही, हालांकि अखलाकियात, दीनी गैरत और मानवी ताकत को अव्वलीयत रही है। और उनकी फतह व शिकस्त में यही आमिल सबसे बड़ा आमिल रहा है। और जब जब ये आमिल कमजोर हुआ उनको कमजोरी लाहिक हूई। इसके नतीजे में मुसलमानों ने कई जगह इज्जत व हुकूमत दोनों खोदी। स्पेन में उंदलूस की हुकूमत का खोना तादाद या फौजी वसाहिल की कमी की वजह से नहीं पेश आया। वहां आपस के फिर्के और भाई भाई की लड़ाई छोटी-छोटी डोलियों और रियासतों में बट जाने फिर आपस की रेशा दवानीयों और एक दूसरे के खिलाफ साजिशें करने और इसमें दुश्मनों तक से मदद लेने से यह वाकया पेश आया और फिर मुसीबत आने पर ताकतवर और बा-असर भाइयों की तरफ से बे तवज्जोही इख्तियार करने में मजीद असर डाला_______
🎁पेशकश : शुअबह तहफ्फुज-ए -इस्लाम मीडिया सर्विस, मर्कज़ तहफ्फुज-ए-इस्लाम हिंद
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