Sunday, August 23, 2020

अकाबिर का पैग़ाम - 11


🎯  इस्लाम की सहीह तस्वीर पेश करना उलमा ए इकराम का फ़र्ज़ मंसबी!


🎙️ हजरत मौलाना सैयद अरशद मदनी साहब 

 (सदर जमीयत उलेमा-ए-हिंद)


_______वतन अज़ीज़ में इस वक़्त फिर्का वारियत का फितना उरूज पर है। मुल्क में अक्लिय्यत और खुसुसन मुसलमानों के खिलाफ नफ़रत को फैलाया जा रहा है जिस से अक्सरियत और अक्लिय्यत दोनों का नुक़सान हो रहा है। लेकिन मुसलमानों को मायूस होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि नफरत की आग को प्यार मोहब्बत और अच्छे अख्लाक से बुझाया जा सकता है। लोगों के ज़हनों से गलत फेहमियों को दूर करना और इस्लाम की सही तस्वीर पेश करना उलमा का फर्ज़ मंसबी है। मस्लकी इख्तिलाफात से हटकर आपसी इत्तीहाद को बढ़ावा दिया जाए और इंसानियत की बुनियाद पर हर एक से रवादारी और अच्छा सुलूक करना रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो अलेयही वसल्लम की तालीम है। यही तालीम मदरसों में भी तलबा को दी जाती है। इस पैग़ाम को लोगों पर जाहिर करने के लिए उनको हमारे मदरसों में बुलाया जाए और उन्हें बताया जाए कि यहां अमन और सलामती की तालीम दी जाती है_______

(इक्तबास अज़ बयान ब उन्वान "तरबियती मजलिस उलमा ए इकराम" ब-मुकाम बैंगलोर, मार्च 2018)


🎁 पेशकश : शुअबह तहफ्फुज-ए -इस्लाम मीडिया सर्विस, मर्कज़ तहफ्फुज-ए-इस्लाम हिंद

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