नबी ए अकरम ﷺ की शान ए अक़दस में गुस्ताखी़ ना-का़बिले कु़बूल : जमीअ़त उलमा कर्नाटक
बेंगलुरु में हिंसा और फसाद की वजह पुलिस की लापरवाही!
बैंगलोर, 12 अगस्त (मुह़म्मद फुरका़न) : पिछले दिनों नबी ए अकरम ﷺ की शान अक़दस में गुस्ताखी करते हुए बेंगलुरु के डीजे हल्ली इलाके़ के MLA के भांजे पी नवीन ने फेसबुक पर गुस्साख आमेज़ पोस्ट डाली थी। जिस की वजह से शहर में माहौ़ल खराब हुआ। वहां के मका़मी लोग जब केस दर्ज कराने पुलिस स्टेशन पहुंचे तो वहां केस दर्ज करने में ताखीर बल्कि टालमटोल किया गया, जिसकी वजह से इलाके में फसाद बरपा हुआ और काफी जानी व माली नुक़सान हुआ। इस वाक़्ये की पुरजो़र मज़म्मत करते हुए जमीअ़त उलमा कर्नाटक ने कहा है कि अगर वक़्त रहते मका़मी मस्जिद के जिम्मेदारान की शिकायत लेकर पुलिस वाले गुस्ताख ए रसूल पर कार्रवाई करती तो आज यह हा़लात ना देखने को मिलते, फसाद का यह पूरा वाक़या पुलिस की लापरवाही की वजह से पेश आया है। क्योंकि मुसलमान सब कुछ बर्दाश्त कर सकता है लेकिन अपने आका़ ह़ज़रत मुह़म्मद ﷺ की शान में ज़र्रा बराबर भी गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं करता।
जमीअ़त उलमा ने फसाद के दौरान हुए माली नुक़सान की भरपाई मुसलमानों की निजी अमलाक के जरिए करने की हुकूमत के फैसले पर सख्त तनकी़द करते हुए वाज़ेह़ तौर पर कहा है कि अगर हु़कूमत का यह फैसला है तो हु़कूमत को चाहिए के शहर में फसाद और हंगामा फैलाने के जो असल जि़म्मेदार हैं वह गुस्ताख ए रसूल पी नवीन है और दूसरा पुलिस जिस की लापरवाही की वजह से यहां तक मामला पहुंचा, लिहाजा़ इस पूरे वाक़िए की भरपाई उनकी मिल्कियत से की जाए। जमीअ़त उलमा ने कहा है कि देर रात जब इलाक़े में फसाद फेल चुका था तो कुछ मुस्लिम नौजवानों ने इलाके में मौजूद एक मंदिर को हुमन चैन के जरिए महफूज करते हुए पूरे मुल्क को अमनों अमान और गंगा जमुनी तह़जी़ब का पैगाम दिया, जिसको जमीअ़त उलमा क़द्र की निगाह से देखती है। इस वाक़्ये की खबर जैसे जमीअ़त उलमा ए हिंद के सदर मोह़तरम ह़ज़रत मौलाना सैयद अरशद मदनी साह़ब को पहुंची तो उन्होंने सख्त रंजो गम का इज़हार करते हुए तोहीन आमेज़ पोस्ट और फसाद की मज़म्मत की और फरमाया के शहर में अमनों अमान की फिज़ा क़ायम करें और गुस्ताख ए रसूल को क़ानून के मुताबिक़ हु़कूमत सख्त से सख्त सज़ा दे। इस मौके़ पर जमीअ़त उलमा कर्नाटक के सदर मौलाना अब्दुल रही़म रशीदी, नायब सदर मौलाना शमीम सालिक मजा़हिरी, जनरल सेक्रेटरी मुहिब्बुल्लाह खान अमीन, रुकन आमिला हा़फिज़ यल फारूक वगेरह मौजूद थे!
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Thursday, August 13, 2020
नबी ए अकरम ﷺ की शान ए अक़दस में गुस्ताखी़ ना-का़बिले कु़बूल
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