Tuesday, September 8, 2020

अकाबिर का पैग़ाम - 16



🎯 हज़राते सहा़बा-ए-इकराम र"ज़"अ को मुनाफिकक़ कहने वाले ख़ुद ही मुनाफिकक़ हैं!


✍️ ह़ज़रत मौलाना अब्दुल अ़लीम साह़ब फारूकी़ द.ब


______क़ुरआन और ह़दीस की रू से यह बात साबित है कि अल्लाह के नबीसल्लल्लाहहु अलेयहहि वसल्लम आखिरी नबी है। आप के बाद कोई नबी नहीं आएगा। और आपअलयहिस्सलाम मासूम हैं! और हज़रात ए सहा़बा इकराम रिज़्वानुल्लाहि अलेयहिम अजमईन आप अलैयहिस्सलाम की खतमें नुबुव्वत की दलील हैं। और गैर मासूम लेकिन महफूजज़ हैं। अल्लाह तबारक व तआ़ला ने कु़रआन पाक में जगह-जगह सहा़बा ए इकराम रजि़यल्लाहु अ़नहुम की तारीफ फरमाई और रजि़यल्लाहहु अ़न्ह कहकर अपनी रजा़मंदी का इज़हार फरमाया और जन्नत की बशारत दी। अल्लाह तआ़ला कु़रआन पाक का मुहा़फिजज़ है लेकिन कुरआन पाक की हिफाज़त का ज़रिया सहा़बा ए इकराम हैं। हज़राते सहाबा इशाअ़ते  कु़रआन व इशाअ़ते दीन की बुनियाद हैं। ह़ज़राते सहाबा मेयार ए ईमान हैं। सारी दुनिया तालिबे जन्नत है और सहाबा मतलूब ए जन्नत हैं। कोई सहाबी मुनाफिकक़ नहीं हो सकता और जो मुनाफिकक़ है वह सहाबी नहीं हो सकता। लिहाजा़ हज़राते ए सहाबा इकराम को मुनाफिक़ कहने वाले खुद ही मुनाफिक़ है़______

(इक्तबास अज़ बयान "ऑनलाइन अज़मते सहाबा कॉन्फ्रेंस" जे़रे एहतमाम: मरकज तहफ्फुज-ए-इस्लाम हिंद, तारीख 5 सितंबर 2020)


🎁पेशकश : शुअबह तहफ्फुज-ए -इस्लाम मीडिया सर्विस, मर्कज़ तहफ्फुज-ए-इस्लाम हिंद

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