हिजाब पहनना मुसलमान औरतों का मज़हबि और आईनि हक़ है: मौलाना उम्रैन मेह्फुज़ रहमानि
मर्कज़ तहफ्फुज-ए-इस्लाम हिंद के ज़ेरे अह्तेमाम ''हिजाब हमारा आईनि हक़ है'' ट्विटर मुहीम का एलान, अहले वतन से शिरकत की अपील!*
बैंगलोर, 07 फेब्रुअरी (प्रेस रिलीज़): इस्लाम एक मुकम्मल ज़ाब्तये अख्लाक़ और दीन फितरत है, जिस का हर क़ानून ना सिर्फ किर्दार की तश्कील करता है बल्कि अफ्राद की ज़िन्दगी को तहफ्फुज़ और रुह फराहम करता है। इस्लाम ने औरत के लिए जो अह्काम व क़वानीन मुताय्यन फरमाए है उन में से हिजाब यानी परदे का हुक्म निहायत अहमियत का हामिल है। अगर इंन्सान सही समझ रखता है तो परदे के अह्कामात की हिक्मतो पर नज़र कर सकता है। ये पर्दा ही है जो औरत को तहफ्फुज़ फराहम करता है और इस की शर्म व हया को बर्क़रार रखता है। और दर हक़ीक़त शर्म व हया औरत के हक़ीक़ि ज़ेवर है। औरत के लिए परदे का शर'ई हुक्म इस्लामी शरी'अत का तर्हये इम्तियाज़ और क़ाबिले फ़ख्र दीनी रिवायत है। इस्लाम ने औरत को पर्दे का हुक्म देकर इज़्ज़त व त्क्रीम के आला तरीन मक़ाम पर लाकर खड़ा किया। मज़्कुरा खयालात का इज़हार मर्कज़ तहफ्फुज-ए-इस्लाम हिंद के सर्परस्त् हज़रत मौलाना मुहम्मद उम्रैन मेह्फुज़ रहमानि साहब द.ब ने किया। मौलाना ने फ़रमाया के हिजाब इस्लामी तलिमात और मुस्लिम तेह्ज़ीब का अटूट हिस्सा है और बा वक़ार लिबास की एक क़दीम शकल है जो मुसलमानो और मुख्तलिफ नामो से दूसरे मज़हबि और तेह्ज़ीबि गिरोहो के यहाँ भी राईज है। मौलाना रहमानि ने फ़रमाया के लिबास के इन्तेखाब का हक़, अपने मज़हबि अक़ीदे पर अमल करना एक बुनियादी और आइनि हक़ है, हिजाब पहनना हिन्दुस्तानी आईंन के दफा 14 और 25 के तहत बुनियादी हुक़ूक़ में से है, जिस से किसी फर्द को मेहरुम नहीं किया जा सकता। लेकिन फिर्क़ा परस्त ताक़ते कर्नाटक की मुसलिम तालेबात को इस से मेहरुम करना और इस के नतीजे में उनके वक़ार और तालीम के हक़ को छीनना चाहती है। जो ना सिर्फ इन्तेहयि अफसोस नाक बात है बल्कि आईंन हिंद में शहरीयो को दिए गए मज़हबि हुक़ूक़ और आज़ादि के मुनफि है। मौलाना ने फ़रमाया हुकुमते कर्नाटका का हिजाब पर पाबन्दी आइद करना और बा हिजाब तालिबात् को कैंपस में दाखिल होने से रोकने का मामला अब हाई कोर्ट तक पहुँँच चुका है, जिस का फैसला 08 फेब्रुअरी को आएगा। मौलाना मुहम्मद उम्रैन मेह्फुज़ रहमानि साहब द.ब फ़रमाया के इसी के पेशे नज़र बा हिजाब मुस्लिम् तालेबात के हुक़ुक़ की खातिर, उनके साथ इज़हारे यक जह्ति के लिए और आइन हिंद में दिए गए मज़हबि अज़ादि के हक़ के तहफ्फुज़ के लिय मर्कज़ तहफ्फुज-ए-इस्लाम हिंद की जानिब् से ''हिजाब हमारा आईनि हक़ '' के नाम से एक ट्विटर मुहीम चलाई जा रही है। ट्रेंड 07, फेब्रुअरी 2022 बरोज़ पीर शाम 5:30 बजे का वक़्त तय किया गया है। वक़्त से पहले इंशाअल्लाह मर्कज़ तहफ्फुज़े इस्लाम हिंद के सोशल मीडिया अकाउंट्स के ज़रिये हैश टैग का एलान किया जाएगा और मर्कज़ के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट भी किया जाएगा। मर्कज़ के सर्परस्त् हज़रत मौलाना मुहम्मद उम्रैन मेह्फुज़ रहमानि साहब द.ब ने तमाम अहले वतन बिल्खुसुस बिराद्रराने इस्लाम से अपील की है के वो इस ''हिजाब हमारा आईनि हक़ है'' ट्विटर ट्रेंड में भरपूर हिस्सा ले और नफ़रत की सियासत को आयिनि हुक़ुक़ की ज़रिये खत्म करने की कोशिश करे।